नई दिल्ली। 2 फरवरी 2020-22 के दौरान पिछले दो वित्तीय वर्षों में भारत के विमानन उद्योग को 24,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में उद्योग को 12,479 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और वित्त वर्ष 2021-22 में यह 11,658 करोड़ रुपये था। गुरुवार को लोकसभा में एक जवाब में मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने विमानन उद्योग को समर्थन देने के लिए कई पहल की हैं।
एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी को राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एटीएफ पर उच्च वैट लगाने के साथ उठाया गया था। परिणामस्वरूप, 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एटीएफ पर वैट कम कर दिया गया है। जवाब में कहा गया है कि घरेलू रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सेवाओं के लिए माल और सेवा कर (जीएसटी) की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। मंत्रालय ने आगे बताया कि एयरपोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) और अन्य हवाईअड्डा डेवलपर्स ने नए और मौजूदा टर्मिनलों के विस्तार और संशोधन के साथ-साथ रनवे के सु²ढ़ीकरण के लिए अगले पांच वर्षो में लगभग 98,000 करोड़ रुपये के पूंजी परिव्यय का लक्ष्य रखा है।
मंत्रालय के मुताबिक, केंद्र ने एविएशन सेक्टर के लिए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) को भी मंजूरी दे दी है।