नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई करेगी। उन्हें कई घंटों तक पूछताछ के बाद 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने 6 मार्च को सिसोदिया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
न्यायाधीश ने 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने से पहले उन्हें सीबीआई की सात दिनों के लिए रिमांड पर भेजा था।
न्यायाधीश ने सीबीआई को सिसोदिया की जमानत अर्जी पर शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सिसोदिया ने दावा किया है कि उन्होंने जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी के साथ पूरा सहयोग किया। सिसोदिया ने कहा कि चूंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी है, इसलिए उन्हें हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है और इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य अभियुक्तों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। उन्होंने बताया है कि उन्होंने एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद संभाला है और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं।
हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश वकील ने कहा कि फिलहाल सीबीआई रिमांड नहीं मांग रही है, लेकिन अगले 15 दिनों में वे इसकी मांग कर सकते हैं। गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इसी मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया। ईडी ने उनकी जमानत की सुनवाई की पूर्व संध्या पर उनसे 100 करोड़ रुपये की कथित रिश्वत के संबंध में पूछताछ की, जो आप पार्टी/नेताओं को साउथ ग्रुप से हवाला चैनल के माध्यम से प्राप्त हुई थी। उनसे अरुण पिल्लई और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता के बारे में भी पूछा गया।