रायपुर. छत्तीसगढ़ में समृद्ध वन्य जीवन की एक और अच्छी खबर आई है. किंग कोबरा के रहवास के लिए चर्चा में आए कोरबा में अब यूरेशियन ऊदबिलाव दिखा है. इसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने प्रकाशित किया है. यूरेशियन ऊदबिलाव एक जलीय स्तनपायी है. यह यूरोप, उत्तरीय अफ्रीका और एशिया के जलमार्गों व तटीय हिस्से में पाए जाते हैं.
दुनियाभर में पाए जाने वाली ऊदबिलावों की 13 प्रजातियों में से 3 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं. उन तीन ऑटर (ऊदबिलाव) में से एक यूरेशियन ऑटर कोरबा वन मंडल में मिला है. अब तक भारत के सात राज्यों में इस खास ऊदबिलाव का पता चला है. अंतरराष्ट्रीय संस्था आईयूसीएन (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) द्वारा इनकी पहचान “निकट संकट’ (नीयर थ्रेटेंड) के तौर पर की गई हैं. उनके अनुसार कई रहवासों से इनकी संख्या घटती जा रही है.
यूरेशियन ऊदबिलाव भारतीय संकटग्रस्त जीवों के सूची-1 में शामिल है. यह पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. शारीरिक संरचना एक मीटर लगभग लंबाई और 7 से 8 किलो के वजन का यह जीव जिसका मुख्य आहार में मछली, केकड़े, छोटे जानवर, मेंढक आदि हैं. सभी ऑटर की तरह यह स्वस्थ परिस्तिथिक तंत्र का सूचक है और आहार श्रृंखला की अहम कड़ी है. कोरबा के नदी नालों में पाया जाना इस बात को दर्शाता है की जंगल के जल निकाय प्रदूषण मुक्त हैं और कोरबा की जैव विविधता की समृद्धि को दर्शाता है.