Rajasthan: धौलपुर जिले की बहुचर्चित चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के मामले में आज एससी एसटी कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा का ऐलान किया। इसी के साथ ही मुजरिम को 10 लाख के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
एससी एसटी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक माहिर हसन रिजवी के अनुसार 9 जुलाई 2008 को धौलपुर जिले के बाड़ी सदर थाना क्षेत्र के धौंधे, पुरा गांव में 4 नरेगा मजदूरों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में पीड़ित जयपाल पुत्र रतन लाल जाटव ने बाड़ी पुलिस थाने पर एक रिपोर्ट दर्ज कराई। शिकायत में बताया कि उसके पिता रतनलाल, ताऊ नत्थीलाल, चाचा रामस्वरूप और भाई भंवर लाल, पप्पू नरेगा योजना के तहत बन रही सड़क पर काम करने आए थे।
तभी सुबह करीब 9:30 बजे कीर्तिराम पुत्र जालिम गुर्जर निवासी धोन्धे का पुरा, सुरेश गुर्जर विक्रम, चंद्रभान उर्फ अट्टा,पूरन भगवान सिंह, राजू, गुड्डू,कल्ला, सुरेश ठाकुर और बच्चू सिंह हथियार लेकर पहुंचे।
आरोपियों ने गाली गलौज करते हुए अवैध हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में नत्थी लाल, रतनलाल, रामस्वरूप और रामवीर की मौके पर ही मौत हो गई।
जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर न्यायालय में 11 आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। इस मामले में मंगलवार को एससी-एसटी कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्र मीणा ने फैसला सुनाते हुए कीर्तिराम (82) पुत्र जालिम सिंह को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई और 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। वहीं मामले में तीन आरोपी जेल में सजा काट रहे हैं और सात मुलजिम जमानत के बाद से फरार हैं।