New Noida and New Greater Noida: नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अगले तीन महीनों में न्यू नोएडा और न्यू ग्रेटर नोएडा की स्थापना के लिए काम शुरू करेंगे. वे आने वाले दो शहरों के लिए मास्टरप्लान को अंतिम रूप देंगे. इसके बाद वे जमीन के टुकड़े खरीदना शुरू कर देंगे. सीईओ रितु माहेश्वरी ने जुलाई से काम शुरू करने की डेडलाइन तय की है. दोनों शहरों के लिए नोटिफिकेशन पहले ही जारी किया जा चुका है.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भूमि की संभावित कमी के कारण इन दोनों शहरों को विकसित किया जा रहा है. ग्रेटर नोएडा में कुछ जमीन बची है, लेकिन नोएडा लगभग पूरी तरह विकसित हो चुका है. राज्य के विकास को पटरी पर रखने के लिए अधिकारी इन दोनों शहरों की योजना बना रहे हैं. इन दोनों शहरों में जमीन की कीमतें नोएडा और ग्रेटर नोएडा से कम होंगी.
यहां बसेगा न्यू नोएडा
दादरी और खुर्जा की जमीनों के बीच नया नोएडा बनाया जाएगा. दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन जिसे न्यू नोएडा कहा जा रहा है, 87 गांवों से अधिग्रहित भूमि का उपयोग कर बनाया जाएगा. अधिकारियों ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को चुना है. साथ ही इस क्षेत्र को जमीन से विकसित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण को जिम्मेदारी दी गई है.
यहां बनेगा न्यू ग्रेटर नोएडा
न्यू ग्रेटर नोएडा ग्रेटर नोएडा के फेज 2 की योजना है. इस प्रोजेक्ट की देखरेख ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी कर रही है. उन्होंने एक निजी कंपनी को ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है. न्यू ग्रेटर नोएडा में गौतम बुद्ध नगर के अलावा हापुड़, बुलंदशहर और गाजियाबाद के 150 गांवों को शामिल किया गया है. इसका क्षेत्रफल 28000 हेक्टेयर होगा.
कनेक्टिविटी की कमी के कारण यह प्रोजेक्ट लेट हो गया है. दरअसल ग्रेटर नोएडा और न्यू ग्रेटर नोएडा के बीच, दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 था. ट्राईसिटी के मुताबिक, मार्च 2024 तक न्यू नोएडा और न्यू ग्रेटर नोएडा पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.