नई दिल्ली। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ पर दायर मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सत्र न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा. इस फैसले के बाद राहुल गांधी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए कांग्रेस पार्टी 12 जुलाई को सभी राज्य मुख्यालयों में एक दिवसीय ‘मौन सत्याग्रह’ (मौन विरोध) आयोजित करेगी. इस संबंध में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने सभी पीसीसी को पत्र जारी किया है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जारी पत्र में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे राहुल गांधी विभिन्न मंचों पर लगातार मोदी और अडानी के संबंधों पर सवाल उठाते रहे हैं, और उन्हें उजागर करते रहे हैं. उनके साहसी प्रयास ने प्रधानमंत्री और भाजपा को कुटिल कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोषी ठहराया गया और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
इन सभी कठिनाइयों के बावजूद राहुल गांधी मोदी द्वारा सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी अजेय लड़ाई और सच्चाई के लिए लड़ने और देश के लोगों से संबंधित मुद्दों को उठाने में लगातार लगे हुए हैं. उन्होंने निडर होकर कहा, “मैं अपने देश की आवाज के लिए लड़ रहा हूं। मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं.”
न केवल कांग्रेस पार्टी, बल्कि पूरे देश ने इस गलत सजा और अयोग्यता की निंदा की है, और इस नेक लड़ाई में राहुल के साथ खड़े होने का संकल्प लिया है. वर्तमान परिस्थितियों में, अब समय आ गया है कि हम एक साथ खड़े हों और दोहराएँ कि राहुल गांधी अकेले नहीं हैं और लाखों कांग्रेसी और करोड़ों लोग अपनी राजनीतिक संबद्धता के बावजूद सच्चाई और न्याय की इस लड़ाई में उनके साथ हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हमारे नेता एकजुटता के साथ उनकी निडर और समझौताहीन लड़ाई के समर्थन में सभी पीसीसी से अनुरोध है कि वे गांधीजी की प्रतिमा के सामने 12 जुलाई को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सभी राज्य मुख्यालयों में सभी वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, एमएलए/एमएलसी और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों, फ्रंटल संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों के नेताओं की मौजूदगी में एक विशाल एक दिवसीय मौन सत्याग्रह (मौन विरोध) आयोजित करें.