‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी खतरे में है.’ इस बात का दावा शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने किया है. अजित पवार द्वारा अन्य एनसीपी विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद और कैबिनेट फेरबदल की चर्चा के बीच, आदित्य ठाकरे के इस दावे ने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है.
‘सरकार में बड़े बदलाव’ को लेकर आदित्य ठाकरे ने ऐसे समय में दावा किया है जब ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि भाजपा द्वारा दरकिनार किए जाने और पवार के उत्थान की आशंकाओं के कारण शिंदे खेमे में परेशानी बढ़ रही है.
आदित्य ने कहा, “मैंने सुना है कि सीएम (एकनाथ शिंदे) को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और (सरकार में) कुछ बदलाव हो सकता है.” हालांकि, शिंदे ने एनसीपी नेताओं को शामिल किए जाने को लेकर शिवसेना में विद्रोह से इनकार किया है और कहा है कि उनकी स्थिति को कोई खतरा नहीं है.
नए मुख्यमंत्री की अटकलों को खारिज करते हुए, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर भ्रम पैदा कर रहा है, शिंदे सीएम बने रहेंगे. शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, “हम इस्तीफा देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले हैं… यह सब शिंदे को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.”
मंत्रिमंडल विस्तार
अपने गठन के एक साल बाद, शिंदे-फडणवीस सरकार के अगले सप्ताह दूसरे कैबिनेट विस्तार की उम्मीद है. शिंदे ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन फड़णवीस के साथ बैठक की. गठबंधन के भीतर मतभेदों की खबरों के बीच सत्ता साझेदारी पर चर्चा के लिए गुरुवार को दोनों के बीच देर रात बैठक हुई.
अजित पवार वर्तमान में भाजपा के देवेन्द्र फड़णवीस के साथ उपमुख्यमंत्री बने हुए हैं. रविवार को अजित पवार एनसीपी को तोड़ते हुए शिवसेना-भाजपा गठबंधन में शामिल हो गए और पांचवीं बार राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बाद में, शिवसेना (यूबीटी) गुट के संजय राउत ने घोषणा की कि शिंदे के गुट के लगभग 20 विधायक अजीत के विद्रोह के बाद से उनकी पार्टी के संपर्क में थे.