रायपुर। प्रदेश में आरक्षण विधेयक को खींचतान जारी है। राज्यपाल ने आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने से पहले सरकार से 10 सवालों का जवाब मांगा था। राज्य सरकार ने अपना जवाब भेज दिया, और राज्यपाल के हस्ताक्षर का इंतजार किया जा रहा था। लेकिन सरकार के जवाब से राज्यपाल संतुष्ट नहीं हैं, उन्होंने बिंदूवार कमियां बताई हैं और लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट जानकारी देने कहा है। राज्यपाल ने इस विधेयक को लेकर सरकार से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार ने कई सवालों का जवाब नहीं दिया है। इस संबंध में राजभवन की ओर से अब लिखित जानकारी भेजी गई है।
राजभवन की ओर से भेजी गई जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्यपाल को मात्रात्मक विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। इसके साथ ही विशेष व बाध्यकारी स्थितियों को नहीं बताया है। इसके अलावा सरकार ने राज्यपाल को क्वांटीफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी पेश नहीं किया है। राजभवन की ओर से कहा गया है कि विधिक सलाहकार के खिलाफ टिप्पणी करना अनुचित है। राजभवन अधिकारी-कर्मचारियों के बारे में बोलना उपयुक्त नहीं है। वहीं राजभवन ने लिखित में राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार भी बताएं हैं। राज्यपाल के पत्र में संविधान में प्रदत्त राज्यपाल के अधिकार के बारे में भी बताया गया है। साथ ही, यह जानकारी दी गई है कि उनके विधिक सलाहकार न्यायिक सेवा के अधिकारी हैं और हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त होते हैं।
राजभवन की ओर से भेजी गई जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने राज्यपाल को मात्रात्मक विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। इसके साथ ही विशेष व बाध्यकारी स्थितियों को नहीं बताया है। इसके अलावा सरकार ने राज्यपाल को क्वांटीफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट भी पेश नहीं किया है। राजभवन की ओर से कहा गया है कि विधिक सलाहकार के खिलाफ टिप्पणी करना अनुचित है। राजभवन अधिकारी-कर्मचारियों के बारे में बोलना उपयुक्त नहीं है। वहीं राजभवन ने लिखित में राज्यपाल के संवैधानिक अधिकार भी बताएं हैं। राज्यपाल के पत्र में संविधान में प्रदत्त राज्यपाल के अधिकार के बारे में भी बताया गया है। साथ ही, यह जानकारी दी गई है कि उनके विधिक सलाहकार न्यायिक सेवा के अधिकारी हैं और हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त होते हैं।