चेन्नई. प्रधान सत्र न्यायालय ने गुरुवार को तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अंतरिम जमानत की मांग करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पंद्रह दिनों की रिमांड खारिज करने की अपील की थी. न्यायाधीश ने पुलिस हिरासत के लिए ईडी की याचिका पर अभी दलीलें नहीं सुनी हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता सेंथिल को धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया है. चेन्नई की एक स्थानीय अदालत ने सेंथिल को बुधवार को 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. ईडी ने अदालत में कहा कि मंत्री ने 2014-15 में राज्य के परिवहन उपक्रमों में कथित ‘नौकरी के बदले नकदी’ घोटाले में अपने पद का दुरुपयोग किया.
बालाजी पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) में थे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की सरकार में परिवहन मंत्री थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के मामले में राज्य के बिजली और आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को बुधवार, 14 जून को गिरफ्तार किया था.
बालाजी तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन नीत सरकार में केंद्रीय एजेंसी की इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले मंत्री हैं. बालाजी (47) को मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्होंने छाती में दर्द की शिकायत की और उन्हें बुधवार को सुबह शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में चिकित्सकों ने उन्हें ‘जल्द से जल्द’ बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी.
इसके बाद बालाजी आगे उपचार के लिए यहां एक निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति मांगने के लिए शहर की एक अदालत गये और उन्होंने अंतरिम जमानत के लिए भी आवेदन किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद बालाजी को गिरफ्तार किया गया. बाद में चेन्नई की एक स्थानीय अदालत ने उनको 28 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.