नाबालिग के दुष्कर्मी को दस साल का सश्रम कारावास

राजनांदगांव। फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पाक्सो) ने नाबालिग के दुष्कर्मी को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि विगत ढाई वर्ष पूर्व थाना चिल्हाटी क्षेत्रांतर्गत निवासी सुदर्शन साहड़ा 25 वर्ष द्वारा नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना चिल्हाटी द्वारा मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया था। विवेचना के दौरान आरोपी सुदर्शन साहड़ा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 363, 366, 376 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट), 2012 की धारा 4 के तहत चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट पाक्सो राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा द्वारा विचारण उपरांत मामले में निर्णय घोषित कर अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के आरोप में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदंड एवं धारा 376(2) भादवि के स्थान पर विशेष अपराध के संबंध में उपबंधित अधिनियम (पाक्सो एक्ट) की धारा 6 के आरोप में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड से दंडित किये जाने का दंडादेश पारित किया गया है। प्रत्येक अर्थदंड की अदायगी में चूक के लिये अभियुक्त को क्रमशः तीन-तीन-तीन माह का अतिरिक्त श्रम कारावासस की सजा भुगतनी होगी। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) राजनांदगांव परवेज अख्तर ने पैरवी की।

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