रामनगरी अयोध्या को मोदी-योगी की नई सौगात, लता मंगेशकर चौक का उद्घाटन

 

अयोध्या. रामनगरी अयोध्या में स्वर कोकिला लता मंगेशकर के चौक का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. 28 सितंबर यानी लता मंगेशकर जी के जन्मोत्सव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धर्म नगरी में मौजूद होकर करेंगे लता मंगेशकर चौराहे का उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. कार्यक्रम को सफल और भव्य बनाने के लिए सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी बीते दिनों अयोध्या पहुंचे और चौक का निरीक्षण किया. प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मिश्रा भी अवनीश अवस्थी के साथ मौजूद थे.

लता मंगेशकर चौक के उद्घाटन के साथ-साथ अन्य कार्यक्रम भी होंगे. जिसमें लता दी के गाए गीतों को 10 मिनट तक पद्मश्री पुरस्कृत सोमा घोष के द्वारा गाया जाएगा.इस दौरान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की 11 पुस्तकों का भी विमोचन किया जाएगा. दरअसल लता मंगेशकर के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के प्रमुख चौक का नाम लता मंगेशकर के नाम पर किए जाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री लगातार लता मंगेशकर चौक के निर्माण की निगरानी कर रहे थे. यही कारण है कि, काफी कम समय में तेजी के साथ चौक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. ऐसे में राम नगरी की ह्रदय स्थली नयाघाट चौराहा 28 सितंबर से अब लता मंगेशकर चौक के रूप में जाना जाएगा. अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक लव कुश द्विवेदी ने बताया कि संस्कृत विभाग के संगीत प्रस्तुति के साथ-साथ लता जी के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. अयोध्या शोध संस्थान के द्वारा प्रकाशित इनसाइक्लोपीडिया रामायण के 10 ग्रंथों का विमोचन भी किया जाएगा.

सीएम की मंशा के अनुरूप हुआ है निर्माण

विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह बताते हैं कि, प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद सीएम योगी ने यह निर्णय लिया था कि, लता मंगेशकर चौराहा का निर्माण लता दी की श्रीराम की प्रति भक्ति के स्वरूप को ध्यान में रखते हुए ही कराया जाएगा. यही कारण है कि, लता मंगेशकर चौराहा आने वाले श्रद्दालुओं को प्रभु राम के प्रति लता दी की भक्ति थी उनके भाव का जीवंत दर्शन होंगे.

वीणा के जरिए लता दी का जीवन परिचय

विशाल सिंह बताते हैं कि, लोगों के मन में ऐसा विश्वास है कि, लता मंगेशकर जी की वाणी में स्वयं सरस्वती बसती थीं.लोगों की इस भावना को संरक्षित करते हुए चौराहे पर वीणा लगाई गई है. इसके अतिरिक्त लता मंगेशकर द्वारा गाए गए भजन प्रमुख रूप से यहां बजते रहेंगे. लता दी ने 92 वर्षों तक मानव जीवन के लिए अकल्पनीय भजन और अकल्पनीय संगीत दिए हैं. यही कारण है कि, वीणा में 92 वर्षों के जीवन को 92 कमलों द्वारा दर्शाया गया है. एक स्थान पर लता दी के जीवन से संबंधित जानकारियां भी दी गई हैं

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