वर्ल्ड बैंक के बाद अब IMF भी हुआ मोदी सरकार की इस योजना का मुरीद….!

 

IMF Praises India’s Direct Cash Transfer Scheme: आईएमएफ के फिसकल अफेयर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर पॉओलो मौरो ने बुधवार को भारत में नकद हस्तांतरण योजना (कैश ट्रांसफर स्कीम) की सराहना की और देश के विशाल आकार को देखते हुए इसे एक ‘लॉजिस्टिक चमत्कार’ बताया. प्रेस ब्रीफिंग के दौरान आईएमएफ के वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो मौरो ने कहा कि भारत से बहुत कुछ सीखने को है.

नई दिल्ली: वर्ल्ड बैंक के बाद अब आईएमएफ यानी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी मोदी सरकार की कैश ट्रांसफर योजना का मुरीद हो गया है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और इसी तरह के अन्य सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों की तारीफ की और इसे चमत्कार बताया. इतना ही नहीं, आईएमएफ ने पूरी दुनिया को भारत से सीखने की सलाह दी है. बता दें कि इससे पहले कोरोना काल में कैश ट्रांसफर योजना के लिए वर्ल्ड बैंक ने भी भारत की तारीफ की थी.

दरअसल, आईएमएफ के फिस्कल अफेयर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर पॉओलो मौरो ने बुधवार को भारत में नकद हस्तांतरण योजना (कैश ट्रांसफर स्कीम) की सराहना की और देश के विशाल आकार को देखते हुए इसे एक ‘लॉजिस्टिक चमत्कार’ बताया. आईएमएफ के वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो मौरो ने कहा कि भारत से बहुत कुछ सीखने को है. हमारे पास दुनिया भर में कुछ अन्य उदाहरणों से सीखने के लिए बहुत कुछ है. हमारे पास लगभग हर महाद्वीप और आय के हर स्तर के उदाहरण हैं. अगर मैं भारत के मामले को देखता हूं, तो यह वास्तव में काफी प्रभावशाली है.

उन्होंने कहा कि वास्तव में देश के विशाल जनसंख्या को देखते हुए यह एक लॉजिस्टिक चमत्कार है कि कम आय वाले लोगों की मदद करने वाले ये कार्यक्रम सचमुच करोड़ों लोगों तक कैसे पहुंचते हैं. आईएमएफ अधिकारी ने भारत में बहुत सारे तकनीकी नवाचारों की सफलता और नकद हस्तांतरण योजना को सफल बनाने में विशिष्ट पहचान प्रणाली आधार के उपयोग की ओर भी इशारा किया.

उन्होंने कहा कि सरकार के ये कार्यक्रम महिलाओं, बुजुर्गों और किसानों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं और उन्होंने कहा कि इसकी सबसे रोचक बात यह है कि इसमें काफी तकनीकी इनोवेशन्स हैं. उन्होंने कहा कि भारत के मामले में एक बात जो चौंकाने वाली है, वह है विशिष्ट पहचान प्रणाली यानी आधार का इस्तेमाल. लेकिन अन्य देशों में मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से उन लोगों को पैसा भेजने का अधिक उपयोग होता है, जिनके पास वास्तव में बहुत सारा पैसा नहीं है, लेकिन उनके पास एक सेल फोन है.

वर्ल्ड बैंक ने भी की थी तारीफ
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी संकट के दौरान भारत ने गरीब और जरूरतमंद लोगों को जिस प्रकार से समर्थन दिया है वह असाधारण है. विश्व बैंक ने न केवल भारत सरकार की तारीफ की, बल्कि उसने अन्य देशों को सीखने की सलाह भी दी थी. वर्ल्ड बैंक के मुखिया डेविड मालपास ने ‘गरीबी एवं पारस्परिक समृद्धि रिपोर्ट’ जारी करते हुए कहा कि अन्य देशों को भी व्यापक सब्सिडी के बजाए भारत की तरह लक्षित नकद हस्तांतरण जैसा कदम उठाना चाहिए. विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा, ‘डिजिटल नकद हस्तांतरण के जरिए भारत ग्रामीण क्षेत्र के 85 फीसदी परिवारों को और शहरी क्षेत्र के 69 फीसदी परिवारों को खाद्य एवं नकदी समर्थन देने में सफल रहा जो उल्लेखनीय है.

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